बगलामुखी मंत्र – baglamukhi mantra

baglamukhi mantra : पौराणिक कथाओ के अनुसार एक बार सतयुग के समय एक ऐसा भयंकर तूफ़ान आया जिससे सम्पूर्ण जगत के नष्ट होने की सम्भावना थी, इतना भयंकर तूफ़ान से सभी प्राणियो और जीव जन्तुओ के प्राणो पर संकट आता देख भगवान विष्णु काफी परेशान हो गए|

तब विष्णु भगवान ने इस तूफ़ान से सभी प्राणियों के प्राणो की रक्षा करने के लिए माता भगवती की तपस्या करने लगे, भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवती माता ने बगलामुखी रूप में प्रकट हुई और बगलामुखी माता के प्रकट होते ही तूफ़ान तुरंत शांत हो गया| ऐसा कहा जाता है की सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सभी शक्ति मिल कर भी बगलामुखी माता का मुकाबला नहीं कर सकती है|

बगला माता को तंत्र की दसवीं विद्या के रूप में भी जाना जाता है, बगलामुखी माता सोने के सिंहासन पर विराजती है| बगलामुखी को ब्रह्मास्त्र, पीताम्बरा इत्यादि नामो से जाना जाता है| ऐसा माना जाता है की अगर आपका कोई छोटा कार्य नहीं हो रहा है तो आपको बगलामुखी मंत्र का जाप दस हजार बार करना चाहिए और कोई ऐसा काम जो आपको लगता है की वो बहुत ज्यादा मुश्किल या नामुमकिन है तो बगलामुखी मंत्र का जाप एक लाख बार करने से वो काम सफल और पूर्ण हो जाता है| बगलामुखी मंत्र निम्न प्रकार है –

baglamukhi mantra

बगलामुखी मंत्र – baglamukhi mantra

“ऊं हल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिहवां कीलय बुद्धिं विनाशय हल्रीं ऊं स्वाहा”

video – baglamukhi mantra

 

 

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