पुष्पम मंत्र – mantra pushpam

mantra pushpam : हिन्दू धर्म में किसी भी देवी देवता की पूजा समाप्त होने के बाद मंत्र पुष्पम को गाया जाता है| कुछ इंसानो का मानना है की मंत्र पुष्पम देवी देवताओ को फूल चढ़ाते वक़्त बोला जाता है| पुष्पम मंत्र (mantra pushpam) की उत्पत्ति यजुर्वेद से हुई है या कह सकते है की इस मंत्र को यजुर्वेद से लिया गया है, हिन्दू धर्म के प्रमुख चार वेदो में से एक यजुर्वेद है|

हिन्दू धर्म में पूजा का अपना अलग महत्व होता है, प्रत्येक दिन एक अलग भगवान को समर्पित होता है और इंसान उस दिन उस भगवान की पूजा अर्चना करके अपने जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा पाना चाहता है| धर्म कोई सा भी हो लेकिन फूल या पुष्प सभी धर्मो के देवी देवताओ, गुरुओ इत्यादि को पसंद होते है, ऐसा माना जाता फूल अर्पित करने से भगवान या गुरु जल्दी प्रसन्न हो जाते है|

भगवान के द्वारा बनाई गई इस सृष्टि में पुष्प प्रकृति की सुंदरता में अहम् योगदान देते है, शायद ही कोई इंसान या देवी देवता हो इसे फूल अच्छे ना लगते हो| चलिए अब हम आपको पुष्पम मंत्र की जानकारी उपलब्ध करा रहे है, इस मंत्र का उच्चारण सही से करने पर इंसान को काफी लाभ प्राप्त हो सकता है| पुष्पम मंत्र (mantra pushpam) निम्न प्रकार है –

mantra pushpam

पुष्पम मंत्र – mantra pushpam

यापम पुष्पम वेदा |
पुष्पवान, प्रजावान पसुवान भवति |
चंद्रमावा अपाम पुष्पम |
पुष्पवान, प्रजावान पसुवान भवति |
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति |

अग्निर्वा अपामायतनं, आयतनवान भवति
यो अग्नेरायतनम् वेदा, आयतनवान भवति
अपोवा अग्नेरायतनम् , आयतनवान भवति
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति

वर्युरवा अपामायतनं, आयतनवान भवति।
योवा योआयतनम वेदा, आयतनवान भवति
आपोवई वायोर्यातनम,आयतनवान भवति
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति

असोवै तपन अपामायतनं, आयतनवान भवति।
यो मश शतपता आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
अपोवा आमश शतपता आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति

चंद्रमावा अपामायतनं, आयतनवान भवति।
यस चन्द्रमस आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
आपोवै चन्द्रमस आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति

नक्षत्रनिवा अपामायतनं, आयतनवान भवति।
यो नक्षत्राणां आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
आपोवै नक्षत्राणां आयतनम आयतनवान भवति।
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति ।

पर्जन्योवा अपामायतनं, आयतनवान भवति।
यः परजयनस्य आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
आपोवै परजयनस्य आयतनम आयतनवान भवति।
या एवम वेदा, योपा मायतनं वेदा आयतनवान भवति ।

सम्वत्सरोवा अपामायतनं, आयतनवान भवति।
यः संवर्त्सरस्य आयतनम वेदा,आयतनवान भवति।
आपोवै संवर्त्सरस्य आयतनम आयतनवान भवति।
या एवम वेदा, योपसुनाम प्रतिष्ठिताम् वेदा प्रत्येवा तिष्ठति।

राजाधि राजाया प्रसहया साहिने।
नमो वयम वै श्रवणाय कुर्महे।
समेकमन कामा कमाये यमशयम
कमेश्वरा वै श्रावणो ददातु
कुबेरायवै श्रावणाया
महा राजाया नमः

 

video – mantra pushpam

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