navgrah mantra : ज्योतिष शास्त्र की समस्त भविष्यवाणी और गणनाएं नौ ग्रहों के आधार पर ही की जाती हैं। प्राचीन समय में ऋषि मुनि ग्रहो का अध्ययन करके आने वाले समय के बारे में बताते थे और आज भी सभी ज्योतिषी ग्रहो की चाल और स्थान देखकर इंसान के जीवन के बारे में बताते है|
ग्रहों की चाल और स्थान का सीधा असर इंसान के जीवन पर दिखाई देता है, किसी भी इंसान की कुंडली में किसी भी ग्रह के कमजोर या अशुभ स्थिति में होने पर इंसान के जीवन आर्थिक,शारीरिक इत्यादि परेशानी आ सकती है और ग्रहो की मजबूत स्थिति होने पर इंसान को हेर तरफ से लाभ प्राप्त होता है| ज्योतिष के अनुसार सौर मंडल में 9 ग्रह अर्थात सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहू और केतु होते है, इन सभी ग्रहो की स्थिति मजबूत करने के लिए प्रत्येक ग्रह का अपना अलग मंत्र होता है|
लेकिन नवग्रह मंत्र अकेला ऐसा मंत्र है जिसके नियमित जाप से आप अपनी कुंडली में सभी नवग्रहों की स्थिति को मजबूत कर सकते है| नवग्रह मंत्र का जाप करने से बहुत जल्द आपकी सभी मनोकामना पूरी होने के साथ साथ आपके जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा से भी मुक्ति प्राप्त हो जाती है| नवग्रह मंत्र निम्न प्रकार है –
नवग्रह मंत्र – navgrah mantra
ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।
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