chalisa – KyuKyaKaise https://kyukyakaise.com Sat, 30 Jan 2021 20:44:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.4 दुर्गा चालीसा इन हिंदी – durga chalisa in hindi https://kyukyakaise.com/durga-chalisa-in-hindi/ https://kyukyakaise.com/durga-chalisa-in-hindi/#respond Sat, 30 Jan 2021 20:44:42 +0000 https://kyukyakaise.com/?p=544 durga chalisa in hindi : हिन्दू धर्म में प्रमुख देवियो में से एक दुर्गा माता है| पौराणिक कथाओ के अनुसार आदि शक्ति माँ पार्वती का ही एक रूप दुर्गा माता (full durga chalisa in hindi) है, जिन्होंने दुष्टो का संहार करने के लिए अवतरण लिया था| एक समय की बात है जब महिषासुर नामक बहुत ही बलशाली राक्षस हुआ करता था उसने सभी देवताओ का वध करने का संकल्प लिया था, उसके बाद उसने सभी देवताओ का वध करने के लिए स्वर्ग पर भी चढ़ाई करने का विचार बनाया| महिषासुर से सभी देवता भयभीत हो चुके थे और वो सभी जानते थे की उसका सामना करना उनके बस की बात नहीं है, इसीलिए सभी देवताओ ने मिलकर अपनी शक्तियों से माँ दुर्गा (durga chalisa in hindi) का सृजन किया, सभी देवताओ से मिली शक्ति की वजह से माँ दुर्गा बहुत ज्यादा शक्तिशाली हो गई थी, फिर उन्होंने महिषासुर का वध करके सभी देवताओ के प्राण बचाएं थे| दुर्गा के रौद्र रूप के आगे किसी भी देवता या असुर का टिक पाना नामुमकिन है, लेकिन वो अपने भक्तो के प्रति बहुत ही उदार स्वभाव की होती है| नवरात्रो में माँ दुर्गा की विशेष पूजा होती है, नवरात्रे साल में दो बार आते है| माँ दुर्गा चालीसा (durga chalisa in hindi) सच्ची श्रद्धा से पढ़ने से माँ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती है और भक्तो के जीवन में आने वाले सभी कष्टों को दूर कर देती है –

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दुर्गा चालीसा इन हिंदी – durga chalisa in hindi

नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला । नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥
रूप मातु को अधिक सुहावे । दरश करत जन अति सुख पावे ॥

तुम संसार शक्ति लै कीना । पालन हेतु अन्न धन दीना ॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला । तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी । तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें । ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥

रूप सरस्वती को तुम धारा । दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा । परगट भई फाड़कर खम्बा ॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो । हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं । श्री नारायण अंग समाहीं ॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा । दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी । महिमा अमित न जात बखानी ॥

मातंगी अरु धूमावति माता । भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी । छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥

केहरि वाहन सोह भवानी । लांगुर वीर चलत अगवानी ॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै । जाको देख काल डर भाजै ॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला । जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत । तिहुँलोक में डंका बाजत ॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे । रक्तबीज शंखन संहारे ॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी । जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥

रूप कराल कालिका धारा । सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब । भई सहाय मातु तुम तब तब ॥

अमरपुरी अरु बासव लोका । तब महिमा सब रहें अशोका ॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी । तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें । दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई । जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८ ॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी । योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥
शंकर आचारज तप कीनो । काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को । काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥
शक्ति रूप का मरम न पायो । शक्ति गई तब मन पछितायो ॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी । जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा । दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो । तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥
आशा तृष्णा निपट सतावें । मोह मदादिक सब बिनशावें ॥

शत्रु नाश कीजै महारानी । सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥
करो कृपा हे मातु दयाला । ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै । सब सुख भोग परमपद पावै ॥

देवीदास शरण निज जानी । कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥

॥दोहा॥ – durga chalisa in hindi
शरणागत रक्षा करे, भक्त रहे नि:शंक । मैं आया तेरी शरण में, मातु लिजिये अंक ॥

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गणेश चालीसा इन हिंदी – ganesh chalisa in hindi https://kyukyakaise.com/ganesh-chalisa-in-hindi/ https://kyukyakaise.com/ganesh-chalisa-in-hindi/#respond Sat, 30 Jan 2021 20:23:41 +0000 https://kyukyakaise.com/?p=541 ganesh chalisa in hindi : गणेश भगवान को भगवान के शिव के पुत्र के रूप में भी जाना जाता है|  भगवान गणेश को उनके पिता से यह वरदान मिला था की इस संसार में किसी भी इंसान या देवता को किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पहले भगवान गणेश का लेना जरुरी है अगर कोई भी इंसान ऐसा नहीं करता है तो उसका कार्य कभी सफल नहीं हो सकता है| इसीलिए हिन्दू धर्म में कोई भी इंसान गृह प्रवेश से लेकर बिज़नेस और विवाह इत्यादि की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश (ganesh chalisa in hindi) जी का नाम जरूर लेता है| भगवान गणेश का मुंह हाथी का होने की वजह से उन्हें गजानन के नाम से भी जाना जाता है,भगवान गणेश का मुंह हाथी का होने की वजह उनके पिता शिव ही है| भगवान शिव ने क्रोधित होकर गणेश जी का सर धड़ से अलग कर दिया था उसकी बाद उन्होंने एक हाथी के बच्चे का सिर गणेश जी के लगा कर उन्हें पुनः जीवित कर दिया था| गणेश भगवान जी की सवारी मूषक है, अगर आप सच्चे मन और श्रद्धा से गणेश चालीसा (ganesh chalisa in hindi) सुबह और शाम पढ़ते है तो भगवान गणेश बहुत जल्द प्रसन्न होकर आपके जीवन में आने वाले दुखो को हरके उसका जीवन सुखमय बना देते है| गणेश चालीसा (ganesh chalisa in hindi) निम्न प्रकार है –

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गणेश चालीसा इन हिंदी – ganesh chalisa in hindi

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥ – ganesh chalisa in hindi
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ॥
जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥
राजत मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे । मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी । अति शुची पावन मंगलकारी ॥
एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥
अतिथि जानी के गौरी सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला । बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥
अस कही अन्तर्धान रूप हवै । पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढायो । उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा । बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी । सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा । शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो । काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो । प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे । प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥
चले षडानन, भरमि भुलाई । रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे । नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई । शेष सहसमुख सके न गाई ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा । जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥
अब प्रभु दया दीना पर कीजै । अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥

॥ दोहा ॥ – ganesh chalisa in hindi
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश ॥

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हनुमान चालीसा इन हिंदी – hanuman chalisa in hindi https://kyukyakaise.com/hanuman-chalisa-in-hindi/ https://kyukyakaise.com/hanuman-chalisa-in-hindi/#respond Sat, 30 Jan 2021 20:09:31 +0000 https://kyukyakaise.com/?p=537 hanuman chalisa in hindi : हनुमान जी महाबलशाली होने के साथ साथ भगवान राम जी के परम भक्त भी थे| हनुमान जी की माता का नाम अंजनी था और हनुमान जी को पवनपुत्र, बजरंगबली, अंजनी पुत्र इत्यादि नामो से जाना जाता है| पौराणिक कथाओ के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था तब सात समुद्र पार लंका में जाकर माता सीता का पता लगाने के लिए हनुमान जी ही गए थे,क्योंकि हनुमान जी (hanuman chalisa in hindi) जितना बलशाली दूसरा कोई और नहीं था,दूसरी तरफ रावण से लड़ाई करते वक़्त जब लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे तब भी हनुमान जी ने ही संजीविनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी के प्राण बचाएं थे| अगर हनुमान जी (hanuman chalisa in hindi) ना होते तो भगवान राम को कभी माता सीता का पता नहीं चलता और ना ही वो लंका पर विजय कर पाते| हनुमान जी अपने भक्तो का ख्याल बहुत ज्यादा रखते है ऐसा माना जाता है जिन भक्तो से हनुमान जी खुश होते है उन भक्तो पर भगवान राम की कृपा भी बानी रहती है| मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है मंगलवार के दिन व्रत रखने और सुबह शाम हनुमान चालीसा (hanuman chalisa in hindi) पढ़ने से हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्तो के सभी कष्ट दूर करके उनके जीवन को सुखमय बनाते है-

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हनुमान चालीसा इन हिंदी – hanuman chalisa in hindi

॥ दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥

॥ चौपाई ॥ – hanuman chalisa in hindi
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥
शंकर सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥

राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ॥

आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ॥

नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥

सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ॥

चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥

तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥

जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥

॥ दोहा ॥ – hanuman chalisa in hindi
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

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शनि चालीसा इन हिंदी – shani chalisa in hindi https://kyukyakaise.com/shani-chalisa-in-hindi/ https://kyukyakaise.com/shani-chalisa-in-hindi/#respond Sat, 30 Jan 2021 19:53:15 +0000 https://kyukyakaise.com/?p=534 shani chalisa in hindi : पौराणिक कथाओ के अनुसार शनिदेव भगवान का जन्म ज्येष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या के दिन माना जाता है| शनिदेव के पिता का नाम सूर्य भगवान और माता का नाम छाया या संवर्णा था,भगवान सूर्य के सभी पुत्रो में से शनिदेव भगवान का स्वभाव बचपन से ही अलग था,उन्हें क्रोध बहुत जल्दी आ जाता था| ऐसा माना जाता है की शनिदेव भगवान (shani chalisa in hindi) को अगर किसी इंसान पर क्रोध आ जाए तो कुछ ही समय राजा से रंक बन जाता है और अगर वो किसी इंसान पर अपनी कृपा बरसा दें तो वो इंसान भिखारी से राजा भी बन जाता है| संसार में रहने वाले सभी इंसान शनिदेव भगवान के क्रोध को भली भांति जानते है इसीलिए सभी को उनसे भय लगता है,लेकिन ऐसा नहीं है भगवान शनिदेव अपने भक्तो के प्रति उदार भी है| भगवान शनिदेव के गुस्से के बारे में भी अलग अलग मत है,कुछ कहते है की शनिदेव को क्रोध उनकी पत्नी के श्राप के कारण है और कुछ कहते है की पिता के कारण| शनिदेव भगवान इंसान के कर्मो के हिसाब से फल देते है,अगर आप भी शनिदेव भगवान की कृपा चाहते है तो शनि चालीसा (shani chalisa in hindi) का पाठ जरूर करें| शनिवार का दिन शनि भगवान को समर्पित है,इस दिन शनि चालीसा (shani chalisa in hindi) पड़ने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते है –

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शनि चालीसा इन हिंदी – shani chalisa in hindi

॥ दोहा ॥ – shani chalisa in hindi
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥

जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥

परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिय माल मुक्तन मणि दमके ॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं । रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥

पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो । कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा । मचिगा दल में हाहाकारा ॥

रावण की गतिमति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवाय तोरी ॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों । तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल पर दशा सिरानी । भूंजीमीन कूद गई पानी ॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई । पारवती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्ध महाभारत करि डारयो ॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देवलखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥

वाहन प्रभु के सात सजाना । जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी । सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा । सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ॥

तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥

समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥

॥ दोहा ॥ – shani chalisa in hindi
पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

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शिव चालीसा इन हिंदी – shiv chalisa in hindi https://kyukyakaise.com/shiv-chalisa-in-hindi/ https://kyukyakaise.com/shiv-chalisa-in-hindi/#respond Sat, 30 Jan 2021 19:33:39 +0000 https://kyukyakaise.com/?p=530 shiv chalisa in hindi : हिन्दुओ के प्रमुख भगवानो में से एक शंकर भगवान है,जिन्हे भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधर, विषधर इत्यादि नामो से जाना जाता है| भगवान शिव को देवताओ के साथ साथ असुर, दानव भी पूजते है, भगवान शिव सभी को सामान रूप से देखते है जो भी उनकी सच्चे मन से आराधना करता है वो उसे वरदान दे देते है| रावण ने जब उनकी आरधना की तो उन्होंने रावण को भी वरदान दिया और जब भगवान राम ने शिव की आराधना (shiv chalisa in hindi) की तो उन्होंने राम को भी वरदान दिया| भगवान शिव के गले सांप हमेशा रहता है उस सांप को नागो के देवता वासुकी के नाम से जाना जाता है| शंकर भगवान को संहार का देवता भी माना जाता है और दूसरी तरफ संसार को बचाने के लिए उन्होंने समुद्र मंथन में निकला विष पी कर सृष्टि और देवताओ को बचा लिया था| भगवान शिव की पत्नी का नाम पार्वती है और भगवान शिव की सभी लीलाओ का वर्णन शिव पुराण में किया गया है| भगवान शिव की चालीसा (shiv chalisa in hindi) सच्चे मन और श्रद्धा से पढ़ने से आपके जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है| सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है,इस दिन व्रत और शिव चालीसा (shiv chalisa in hindi) पढ़ने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है –

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शिव चालीसा इन हिंदी – shiv chalisa in hindi

॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥ – shiv chalisa in hindi
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा । सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट ते मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥

नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

॥ दोहा ॥ – shiv chalisa in hindi
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण

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