shiv aarti in hindi : हिन्दू धर्म में पूज्य देवताओं में से तीन प्रमुख देवता है जिन्हे त्रिदेव के नाम से जाना जाता है| भगवान शिव,भगवान् विष्णु और ब्रह्मा जी को त्रिदेव भगवान कहा जाता है| शंकर भगवान को देवो का देव और संहारक के रूप में भी जाना जाता है| सभी देवताओ में भगवान शिव ही ऐसे अकेले देवता है जिनके तीन नेत्र है इसलिए उन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहा जाता है|
ऐसी मानयता है की जिस दिन भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया उस दिन धरती पर प्रलय आ जाएगी| हिन्दू धर्म भगवान शिव को बहुत सारे नामो से जाना जाता है जैसे – शिव, नीलकंठ, विषधर, भालचंद्र इत्यादि| भगवान शिव अपने क्रोध और रौद्र रूप के लिए जाने जाते है लेकिन भगवान शिव बहुत ही उदार स्वभाव के भी है| शिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख त्योहार है, हफ्ते में सोमवार का दिन भगवान शिव का माना जाता है|
अगर आप सच्ची श्रदा और सच्चे मन से सोमवार को भगवान शिव की पूजा और आरती करते है तो भगवान शिव जल्द ही आपसे प्रसन्न हो जाते है और जल्द ही आपके जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण करके आपके जीवन को सुखमय बना देते है| भगवान शिव की आरती (shiv aarti in hindi) नीचे दी जा रही है –
शिव आरती इन हिंदी – shiv aarti in hindi
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजै।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चारू चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
तीनो रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
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