सूर्य गायत्री मंत्र – surya gayatri mantra

surya gayatri mantra : हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओ में से एक सूर्य भगवान् भी है,सूर्य को समस्त जगत की आत्मा भी कह सकते है क्योंकि बिना सूर्य के इस धरती पर जीवन संभव नहीं है| सूर्य भगवान् के जन्म की अलग अलग कथाएं है जिनमे से प्रमुख है मार्कंडेय पुराण की कथा, इस पुराण के अनुसार सर्वप्रथम सम्पूर्ण जगत में प्रकाश नहीं था।

फिर सबसे पहले ब्रह्मा भगवान के मुख से ऊँ शब्द की उत्पत्ति हुई, ॐ शब्द में रौशनी होने के कारण उसे सूर्य की प्रारम्भिक सूक्ष्म अवस्था मानी गई उसके बाद भूः भुव और स्व शब्द की उत्पत्ति हुई और ये सभी शब्द ऊँ में विलीन हो गए और सूर्य को अपना स्थूल रूप प्राप्त हो गया,सूर्य की उत्पत्ति सृष्टि के प्रारम्भ होने से पहली है इसलिए इन्हे आदित्य नाम से भी जाना जाता है|

प्राचीन अर्थात वैदिक काल में सारे जगत का कर्ता धर्ता सूर्य भगवान को ही माना जाता था| सूर्य भगवान् के दर्शन हम सभी रोजाना कर सकते है इसीलिए इन्हे साक्षात देव भी कहा और माना जाता है| रोज सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने से सूर्य भगवान् बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है और आपको शारीरिक,मानसिक और आर्थिक लाभ प्राप्त होता है| सूर्य गायत्री मंत्र निम्न प्रकार है –

surya gayatri mantra

सूर्य गायत्री मंत्र  –   surya gayatri mantra

ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयत।।

video – surya gayatri mantra

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