पंचाक्षरी मंत्र – panchakshari mantra

panchakshari mantra : भगवान शिव हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओ में से एक है, पौराणिक कथाओ के अनुसार जब भगवान शिव अग्नि स्तंभ के रुप में प्रकट हुए थे उस समय उनके पांच मुख थे। भगवान शिव के पांच मुख संसार के पांचों तत्व पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि तथा वायु को समर्पित थे।

ऐसा माना जाता है सर्वप्रथम ॐ शब्द की उत्पत्ति हुई थी उसके बाद पांचो मुखो से शेष पांच शब्द अर्थात नम: शिवाय की उत्पत्ति हुई थी, पंचाक्षरी मंत्र को सृष्टि का पहला मंत्र माना जाता है| पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती है|

जो भी इंसान इस मंत्र का जाप सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से करता है उसके पास यमराज भी नहीं आते है| जो इंसान मोक्ष को प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यह पंचाक्षरी मंत्र लाभकारी साबित होता है,भगवान शिव के रौद्र रूप के बारे में लगभग सभी जानते है लेकिन अपने भक्तो के प्रति वो हमेशा उदार बने रहते है| कुछ लोगो का मानना है की भगवान शिव का पूजन शिवलिंग रूप में ही ज्यादा असरदायक या फलदायक होता है उनके हिसाब से शिव की मूर्ति का पूजन श्रेष्ठ है लेकिन शिवलिंग का पूजन सर्वश्रेष्ठ होता है। पंचाक्षरी मंत्र निम्न प्रकार है-

panchakshari mantra

पंचाक्षरी मंत्र – panchakshari mantra

ऊँ नम: शिवाय

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