navarna mantra : नवार्ण शब्द नव और अर्ण से मिलकर बना है, नव का अर्थ होता है नौ और अर्ण का अर्थ होता है अक्षर,इसलिए नवार्ण का अर्थ है नौ अक्षर| नवार्ण मंत्र में मौजूद प्रत्येक अक्षर का संबंध शक्ति अर्थात शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री और ग्रह अर्थात सूर्य ग्रह, चंद्रमा ग्रह, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु से होता है|
नवार्ण मंत्र बहुत ही चमत्कारिक और असरदायक होता है,लेकिन इस मंत्र का जाप करने से पहले इंसान को पूर्ण विधि और अत्यंत सावधानी रखने की आवश्यकता होती है,इसीलिए इस मंत्र का जाप करने से पहले किसी गुरु या अनुभवी इंसान से मार्गदर्शन जरूर लें। नवार्ण मंत्र में शक्ति और ग्रह शामिल होने की वजह से यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली होता है|
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से सभी देवी प्रसन्न हो जाती है और ग्रहो की दशा भी मजबूत या शुभ होने लगती है| ग्रहो की दशा शुभ और देवियो के आशीर्वाद से आपके जीवन में आने वाले सभी कष्टों और दुखो का अंत हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि आने लगती है| कुछ लोगो का मानना है की नवरात्री में इस मंत्र का जाप करने से मनोकामना बहुत जल्द पूर्ण हो जाती है| नवार्ण मंत्र निम्न प्रकार है –
- जानिए – नरसिंह मंत्र – narasimha mantra
नवार्ण मंत्र – navarna mantra
‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे”
video – navarna mantra