दत्तात्रेय मंत्र –  dattatreya mantra

dattatreya mantra : शास्त्रों या पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान दत्तात्रेय का जन्म अगहन मास की पूर्णिमा के दिन हुआ था। हिन्दू धर्म प्रमुख तीन भगवान अर्थात त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की परमशक्ति जब एक जगह केंद्रित हुई तब त्रयमूर्ति दत्तात्रेय भगवान का जन्म हुआ। दत्तात्रेय भगवान के तीन सिर, छ: हाथ जिनमे शंख, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, कमंडल, गले में रुद्राक्ष माला, माथे पर भस्म, मस्तक पर जटाजूट धारण किए हुए है|

कुछ लोगो की मान्यता यह भी है कि दत्तात्रेय भगवान ने ही परशुरामजी को श्री विद्या मंत्र प्रदान करा था,परशुराम के बाद दत्तात्रेय भगवान ने शिवपुत्र कार्तिकेय को भी काफी सारी विद्याएं प्रदान की थी। दत्तात्रेय भगवान को लेकर लोगो का मानना अलग अलग हैए शिव को मानाने वाले उन्हें भगवान शिव का अंशावतार मानते है और भगवान विष्णु को मानने वाले वैष्णवपंथी उन्हें विष्णु भगवान का अंशावतार मानते हैं।

दत्तात्रेय भगवान अपने भक्तो का खास ख्याल रखते है केवल उनका स्मरण करने से ही वो अपने भक्त की रक्षा करने चले आते है| आज हम आपको दत्तात्रेय मंत्र बताने जा रहे है इस मंत्र का नियमित रूप से सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद 11 या 21 बार करने से भगवान प्रसन्न हो जाते है और अपनी कृपा दृष्टि आप पर बनाए रखते है| दत्तात्रेय मंत्र निम्न प्रकार है –

dattatreya mantra

दत्तात्रेय मंत्र –  dattatreya mantra

ऊँ द्रां दत्तात्रेयाय नमः!!

video – dattatreya mantra

Must Read

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here