gayatri mantra : हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियो में से एक गायत्री माता भी है, गायत्री माता को सभी वेदों की जननी और वेदमाता के नाम से भी जाना जाता है| कुछ लोगो का का कहना है की एक बार बहुत बड़े यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमे भगवान ब्रह्मा और उनकी पत्नी को भी शामिल होना था, हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है की किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यों में अगर पति पत्नी साथ नहीं होते है तो उन्हें पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है|
लेकिन किसी कारणवश भगवान ब्रह्मा की पत्नी उनके साथ यज्ञ में नहीं जा पाई, ऐसी स्थिति में ब्रम्हा जी ने गायत्री माता से विवाह करके यज्ञ में शामिल हुए बस तभी से गायत्री माता को भगवान ब्रह्मा की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है| भगवान शिव, श्री हरि विष्णु और ब्रह्मा भगवान के साथ साथ सभी देवता भी गायत्री माता की आराधना करते हैं,इसलिए गायत्री माता को देवमाता के नाम से भी जाना जाता है।
गायत्री मंत्र का जाप करने से इंसान के जीवन पितृदोष, कालसर्प दोष, दुख और दरिद्रता के साथ साथ अगर किसी दंपति को संतान नहीं प्राप्त हो रही है तो आपको भी लाभ प्राप्त हो सकता है| गायत्री मंत्र (gayatri mantra) सुबह और शाम जपने से आपका जीवन सुखमय बन जाता है –
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गायत्री मंत्र – gayatri mantra
“ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।। “
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