katyayani mantra : नवदुर्गा माता के नौ स्वरूप होते है उनमे से छठे स्वरूप को मां कात्यायनी के रूप में जाना और माना जाता है| पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है की कात्यायन ऋषि के घर में एक कन्या का जन्म हुआ जिसे कात्यायनी के नाम से जाना जाता था| कात्यायनी माता ने महिषासुर नामक असुर का वध भी किया था,हिन्दू धर्म में नवरात्रो की बहुत ज्यादा अहमियत होती है और लगभग सभी नवदुर्गो में व्रत भी रखते है|
नवदुर्गे साल में दो बार आते है और नवदुर्गो में छठवें दिन माता कात्यायनी को समर्पित होता है| माता कात्यायनी की आराधना विधिवत करने से इंसान को भौतिक और अध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते है| कुछ लोगो का मानना है की शिक्षा में रूचि लगने वालो को कात्यायनी माता की पूजा जरूर करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है आप किसी भी परेशानी से छुटकारा प्राप्त करने के लिए और किसी भी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए कात्यायनी माता की पूजा कर सकते है|
कोई भी इंसान जो जीवन में सफल होना चाहता है अगर वो कात्यायनी माता की आराधना और मंत्र का जाप सच्चे मन से करता है तो उससे माता कात्यायनी जल्दी प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्त के जीवन आने वाले दुखो को समाप्त करके उसकी मनोकामना को जल्द ही पूर्ण करती है| कात्यायनी मंत्र निम्न प्रकार है –
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कात्यायनी मंत्र – katyayani mantra
“कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।”