केतु बीज मंत्र – ketu beej mantra

ketu beej mantra : शायद ही कोई इंसान हो जिसने ग्रहो का नाम ना सुना हो,केतु गृह को पापी ग्रह माना जाता है| लेकिन किसी भी इंसान की कुंडली में केतु मजबूत या अच्छी स्थिति में होता है तो काफी लाभप्रद होता है| केतु ग्रह का अपना कोई वास्तविक रूप नहीं होता है,यह एक छाया ग्रह के रूप में जाना और माना जाता है।

किसी भी इंसान की कुंडली में जब केतु कमजोर स्थिति में होता है तो उस इंसान का जीवन बहुत ज्यादा बेहाल हो जाता है,उसके सामने आर्थिक और मानसिक परेशानियो के साथ साथ शारीरिक परेशानी भी आने लगती है,परिवार में कलह होने लगता है| अगर आपकी कुंडली में भी केतु ग्रह कम स्थिति में मौजूद है तो आपके लिए केतु बीज मन्त्र काफी लाभकारी साबित हो सकता है|

किसी भी मंत्र से ज्यादा फायदा उसके बीज मंत्र का जाप करने से प्राप्त होता है,आज हम आपको केतु बीज मंत्र बताने जा रहे है,सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद सच्चे और पवित्र मन से केतु बीज मंत्र का जाप कम से कम 21 बार करें,नियमित रूप से ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपकी कुंडली में कमजोर स्थिति में मौजूद केतु ग्रह अच्छी और मजबूत स्थिति में पहुँच जाता है और आपके जीवन से कलह समाप्त हो जाती है| केतु बीज मंत्र निम्न प्रकार है –

ketu beej mantra

केतु बीज मंत्र – ketu beej mantra

ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।

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