lakshmi gayatri mantra : हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियो में से एक लक्ष्मी माता है, जिन्हे धन की देवी भी कहा जाता है| लक्ष्मी जी विष्णु भगवान की पत्नी होने के साथ साथ त्रिदेवियों में से एक देवी है| पुराणों के अनुसार जब असुर और देवता मिलकर समुद्र मंथन कर रहे थे तो समुद्र से अलग अलग चीजे निकल रही थी, उसी समय मंथन में से ही लक्ष्मी जी की उत्पत्ति हुई थी|
उत्पन्न होने के बाद लक्ष्मी जी ने ही विष्णु भगवान को ही अपने वर के रूप में चुना था,लक्ष्मी जी कमल पर विराजमान रहती है और लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू होता है| लक्ष्मी जी के आठ स्वरूप मौजूद है जिन्हे अष्टलक्ष्मी के रूप से जाना जाता है| गायत्री माता ज्ञान की देवी के रूप में जाना जाता है, जब कोई इंसान लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जाप करता है तो ऐसे इंसान से लक्ष्मी और गायत्री माता प्रसन्न हो जाती है और इंसान के जीवन में प्रकाश और धन से भर देती है|
लक्ष्मी गायत्री मन्त्र का जाप सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद पूजा स्थल में बैठ कर 11 या 21 बार नियमित रूप से करना चाहिए, ऐसा करने से दोनों माता प्रसन्न होकर आपके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती है| लक्ष्मी गायत्री मंत्र निम्न प्रकार है-
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लक्ष्मी गायत्री मंत्र – lakshmi gayatri mantra
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
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