laxmi aarti in hindi : हिन्दू धर्म में लक्ष्मी जी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी के रूप में माना जाता हैं। लक्ष्मी जी हिन्द धर्म में प्रमुख देवियो में से एक है| पौराणिक कथाओ के अनुसार लक्ष्मी जी भगवान विष्णु की पत्नी हैं,ऐसा माना जाता है जब असुर और देवताओ ने जब समुद्र मंथन किया था तब उस मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं।
लक्ष्मी जी ने प्रकट होने के बाद स्वयं अपने पति के रूप में भगवान विष्णु को चुना था| लक्ष्मी जी विष्णु भगवान् के साथ क्षीर सागर में निवास करती हैं, महालक्ष्मी जी की पूजा सच्चे मन और श्रध्दा से धन,सुख, समृद्धि प्राप्त होती है। आज हम आपको अपने इस लेख में लक्ष्मी जी की आरती उपलब्ध करा रहे है|
शुक्रवार के दिन को लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है और इस दिन व्रत करने से इंसान को वैभव, धन इत्यादि की प्राप्ति होती है| शुक्रवार के दिन सुबह और शाम लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए,जिससे लक्ष्मी जी प्रसन्न हो जाती है और आपकी मनोकामना को पूर्ण करती है| भगवान् विष्णु ने जितनी बार भी पृथ्वी पर अवतरण लिया है माँ लक्ष्मी हमेशा उनकी पत्नी के रूप में धरती पर अवतरित हुई है| नीचे दी गई लक्ष्मी जी की आरती (laxmi aarti in hindi) सच्ची श्रध्दा के साथ पढ़ें –
लक्ष्मी आरती इन हिंदी – laxmi aarti in hindi
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
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