om mantra : ॐ या ओम को ओंकार या प्रणव के नाम से भी जाना जाता है। देखा जाए तो ओम शब्द केवल ढाई अक्षर से मिलकर बना है लेकिन इसके बारे में जाने और समझें तो सम्पूर्ण भ्रमांड का सार ॐ ही है। ओम शब्द का कोई धर्म नहीं है यह हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म इत्यादि धर्मों में आपको सुनने को मिल जाएगा|
ऐसा माना जाता है की भगवान शिव जब पंचमुखी रूप में प्रकट हुए थे तब सर्वप्रथम ओम शब्द की उत्पत्ति हुई थी और कुछ लोगो का मानना है की जब ब्रह्माण्ड की रचना हुई थी तब उसमे से जो प्राकृतिक ध्वनि निकलती थी वह ओम की ही थी इसलिए ॐ को ब्रह्मांड की आवाज भी माना और कहा जाता है। ओम शब्द का जाप करने से इंसान को आत्मिक बल, जीवनशक्ति, शारीरिक और मानसिक लाभ के साथ साथ इंसान के जीवन से हताशा-निराशा भी दूर हो जाती है|
ॐ को सबसे शक्तिशाली शब्द भी माना गया है और इसके लाभ को देखते हुए ऋषि-मुनियों ने सभी वैदिक मंत्रों के आगे ॐ शब्द को पहले रखा है| किसी भी भगवान के मंत्र में आपको सबसे पहला शब्द ॐ ही दिखाई देगा| ओम का जाप करने को उद्गीत प्राणायाम भी कहा जाता है,ओम मंत्र निम्न प्रकार है –
- जानिए – नवग्रह मंत्र – navgrah mantra
ओम मंत्र – om mantra
ॐ
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