rahu mantra : शायद ही कोई इंसान हो जिसने राहु का नाम ना सुना हो या जिसे राहु से डर ना लगता हो लेकिन सच यह है की राहु शुभ और अशुभ दोनों परिणाम लाता है| अगर किसी इंसान की कुंडली में राहु शुभ स्थान पर बैठ जाता है तो ऐसे इंसान की किस्मत ही बदल जाती है वो इंसान जिस भी काम में हाथ डालता उसमे उसे सफलता ही प्राप्त होती है|
राहु के जन्म की कहानी भी अलग अलग है, कुछ मतों के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब अमृत निकला था तो विष्णु भगवान् ने रूप बदल कर वो अमृत देवताओ को पीला दिया था लेकिन एक राक्षस रूप बदल कर देवताओ में बैठ गया था और उसने अमृत पी लिया था|
अमृत पीते ही उसे देवताओ ने पहचान लिया और भगवान्हे विष्णु को बता दिया भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उसका सिर काट दिया, अमृत पी लेने की वजह से उसका सिर अमर हो गया और वो ही राहु बन गया| अगर आपकी कुंडली में भी राहु अशुभ स्थिति में बैठा है तो सुबह उठाकर स्नान करने के बाद आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें, ऐसा करने से जल्द ही राहु शुभ स्थिति में पहुँच जाता है| राहु मंत्र (rahu mantra) निम्न प्रकार है –
राहु मंत्र – rahu mantra
“ऊं नमो अर्हते भगवते श्रीमते नेमि तीर्थंकराय सर्वाण्हयक्ष कुष्मांडीयक्षी सहिताय | ऊं आं क्रौं ह्रीं ह्र: राहुमहाग्रह मम दुष्टग्रह, रोग कष्ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट् || मध्यम मंत्र- ऊं ह्रीं क्लीं श्रीं हूं: राहुग्रहारिष्टनिवारक श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम: शान्तिं कुरू कुरू स्वाहा ||”
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