saraswati mantra : हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियो में से एक सरस्वती माता है| पुराणों के अनुसार माता सरस्वती का जन्म ब्रह्मा भगवान जी के मुख से हुआ था,जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना कर रहे थे तो संसार में शांति और उदासी छाई हुई थी,इस उदासी को देखते हुए भगवान ब्रह्मा ने उस उदासी और शान्ति के वातावरण को सुखमय बनाने का विचार करते हुए एक स्त्री को मुख से उत्पन्न किया,उत्पन्न हुई स्त्री ने अपने हाथ में स्थित विणा को जैसे ही बजाना शुरू किया वैसे ही पृथ्वी और संसार में ख़ुशी की लहर सी दौड़ गई|
सरस्वती माता की पूजा और अर्चना करने से इंसान को ज्ञान की प्राप्ति होने के साथ साथ इंसान के जीवन में से अंधकार दूर होने लगता है और इंसान को अपने जीवन का उद्देशय समझ में आ जाता है और वो जन कल्याण करना शुरू कर देता है| माता सरस्वती को ज्ञान की देवी के साथ साथ विद्या, संगीत और बुद्धि की देवी के नाम से भी जाना जाता है|
सरस्वती माता ने ही ताल, स्वर, लय, राग-रागिनी इत्यादि की उत्पत्ति की है| सरस्वती माता की चालीसा सुबह और शाम पढ़ने से माँ सरस्वती बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तो के जीवन में से अंधकार को दूर कर देती है| सरस्वती मंत्र (saraswati mantra) निम्न प्रकार है –
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सरस्वती मंत्र – saraswati mantra
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