swami samarth mantra : जैन धर्म के प्रमुख गुरुओ में से एक स्वामी समर्थ महाराज जी है, ऐसा माना या कहा जाता है कि स्वामी समर्थ महाराज जी सोलापुर जिले के अक्कलकोट गाँव में सोलहवीं शताब्दी के चैत्र शुक्ल द्वितीय के दिन प्रकट या उत्पन्न हुए थे। महाराज के प्रकट होने के बाद अपने वाक्यो में बताया की मैं नृसिंह भान हूँ और मैं श्रीशैलम के पास करदली वन से आया हूँ|
यह बात सुनकर सभी पहले थोड़े अचम्भित हुए लेकिन कुछ देर बाद ही वो समझ गए की यह कोई और नहीं खुद अक्कलकोट गंगापुर के श्री नृसिंह सरस्वती महाराज है जो स्वामी समर्थ के रूप में भक्तो के कष्ट हरने के लिए एक बार फिर से धरती पर प्रकट हुए हैं। इस कथन के बारे कई शास्त्रों में भी बताया गया है|
स्वामी समर्थ महाराज जी एक ऐसे संत हैं जो अपने भक्तों का ख्याल रखते है और जब भी कोई भक्त सच्ची श्रद्धा और पवित्र मन से उन्हें पुकारता है तो वो उसके दुःख और परेशानी दूर करने चले आते है| स्वामी हमेशा अपने भक्तो से एक ही बात कहते थे की डरो मत, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। कुछ मतों का मानना है स्वामी समर्थ मन्त्र उनके एक महान भक्त बलप्पा ने बताया है| स्वामी समर्थ मंत्र (swami samarth mantra) निम्न प्रकार है –
स्वामी समर्थ मंत्र – swami samarth mantra
“श्री स्वामी समर्थ!!”
video – swami samarth mantra