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धन्वंतरी मंत्र – dhanvantari mantra

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dhanvantari mantra

dhanvantari mantra : प्राचीन काल में जब देवता और असुर के बीच समुद्र मंथन किया गया था तब हर मंथन पर कुछ न कुछ समुद्र से निकलता था| उसी मंथन में से आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरी भी प्रकट हुए थे,भगवान धन्वंतरी अपने साथ सभी रोगों को ठीक करने वाले अमृत कलश को साथ लेकर उत्पन्न हुए थे। हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धन्वंतरी भगवान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

धन्वंतरी भगवान को भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना जाता है, धन्वंतरी भगवान के मंत्र का जाप करने से इंसान को आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आप किसी भी बिमारी और रोग से ग्रसित है तो यह मंत्र आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है,पुराणों के हिसाब से धन्वंतरी भगवान के मंत्र का जाप करने से किसी भी प्रकार की बीमारियां और रोग समाप्त हो जाते हैं।

पौराणिक कथाओ के अनुसार धन्वंतरी भगवान की अगर सच्चे और पावन मन से आराधना और मंत्र का जाप करने से इंसान के सभी रोगों से मुक्ति मिलने के साथ साथ इंसान दीर्घ जीवन की प्राप्ति हो सकती है| चलिए अब हम आपको धन्वंतरी मंत्र (dhanvantari mantra) बता रहे है सच्ची श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का जाप करे –

dhanvantari mantra

धन्वंतरी मंत्र – dhanvantari mantra

”ऊं नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रैलोक्य पतये त्रैलोक्य निधये श्री महा विष्णु स्वरुप श्री धन्वंतरि स्वरुप श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा।”

 

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