मूल मंत्र – mool mantra

mool mantra : सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी थे,दुनिया भर में सिख धर्म के लोग गुरुनानक के जन्म ‌दिवस को गुरुनानक जयंती के रूप में बहुत ही धूमधाम और खुशीपूर्वक मनाते है। गुरुनानक जी का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में तलवंडी नामक गांव में हुआ था| इनके पिता का नाम कालू और माता का नाम तृप्ती देवी था।

गुरुनानक जी ने जनकल्याण के लिए एक अमृतवाणी भी उच्चारित की थी, जिसे जपजी नाम से जाना जाता है| सिखो के प्रमुख ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला पाठ भी गुरुनानक द्वारा लिखित जपजी का ही है| सभी सिख धर्म को मानाने वाले सुबह सबसे पहले जपजी का पथ करते है|

जपजी की शुरुआत मूल मंत्र से ही होती है, मूल मंत्र में भगवान के गुणों के बारे में बताया गया है, मूल मंत्र का पहला शब्द इक ओंकार इस बात को दर्शाता है की भगवान एक ही है, इसीलिए सभी सिख धर्म को मानने वाले सभी धर्मो के इंसानो का सम्मान करते है| मूल मंत्र को पढ़ने से पहले आपको उसका सही से उच्चारण जरूर पता होना चाहिए, मूल मंत्र के स्थित शब्दों में दी गई सभी मात्राएँ पड़ी नहीं जाती है| सुबह स्नान करने के बाद सच्चे मन से मूल मंत्र को पड़ना चाहिए,मूल मंत्र (mool mantra) निम्न प्रकार है –

mool mantra

मूल मंत्र – mool mantra

“इक ओंकार सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु
अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि।।”

video – mool mantra

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